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पेट्रोल या इलेक्ट्रिक कार: किसमें है बचत का राज? जानिए एक महीने में ई-कार चलाने का खर्च!

Petrol Vs Electric Car

Petrol Vs Electric Car: सोचो, तुम एक कार चला रहे हो! हवा में बाल लहरा रहे हैं, और तुम अपने पसंदीदा गाने गा रहे हो! लेकिन रुको, एक सवाल है... ये कार चलती कैसे है? पेट्रोल पीकर, या बिजली खाकर? आज हम दोनों तरह की कारों - पेट्रोल और इलेक्ट्रिक - की तुलना करेंगे, और देखेंगे कि बचत का राज कहाँ छुपा है! तो चलो, शेरू के साथ इस रोमांचक सफर पर निकलें!

पेट्रोल कार: जेब ख़ाली कराने वाली रानी!

पेट्रोल कारें पुरानी हैं, इन्हें सब जानते हैं। इनमें पेट्रोल भरवाना पड़ता है, जो महीने में कम से कम दो-तीन बार करना पड़ता है। पेट्रोल की कीमत तो तुम भी जानते हो, दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। सोचो, हर बार पेट्रोल डलवाने में कितना खर्च हो जाता है? ऊपर से गाड़ी सर्विस कराओ, बीमा करवाओ, तो जेब और हल्की हो जाती है।

कई लोग तो कार इतना चलते है कि उनको एक दिन में 2,3 बार पेट्रोल भरवाना पड़ता है।

पेट्रोल कार के नुकसान

प्यारे दोस्तों, पेट्रोल कार का इस्तेमाल तो आसान है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जिन्हें हमें जानना चाहिए।

सबसे पहले तो पेट्रोल कार चलाने में बहुत ज्यादा खर्च आता है। पेट्रोल-डीज़ल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और प्रति किलोमीटर पेट्रोल कार चलाना महंगा पड़ रहा है। 

दूसरा, पेट्रोल कार से प्रदूषण भी होता है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। 

तीसरा, पेट्रोल कार की सर्विसिंग और मेंटेनेंस भी महंगी पड़ती है। 

लेकिन पेट्रोल कार के फायदे भी हैं:

हर जगह मिल जाती हैं। पेट्रोल डालकर लंबा सफर कर सकते हो। कहीं भी पेट्रोल खत्म होने पर तुरंत पेट्रोल भरवा सकते हो।

इलेक्ट्रिक कार: पर्यावरण की दोस्त और कम खर्चीली!

Petrol Vs Electric Car

दोस्तों आज कल की नई गाड़ियाँ बिजली से चलती हैं। उन्हें घर पर, चार्जिंग स्टेशनों पर या सोलर पैनल से भी चार्ज कर सकते हो। बिजली तो पेट्रोल से सस्ती है, ना? सोचो, एक बार चार्ज करने में कितना खर्च होगा? 

इलेक्ट्रिक कार के फायदे

प्यारे दोस्तों, आइए जानते हैं इलेक्ट्रिक कार के क्या-क्या फायदे हैं -

सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि इलेक्ट्रिक कार चलाने में बहुत कम खर्च आता है। पेट्रोल-डीज़ल की तुलना में ये काफी सस्ती है।

दूसरा, इलेक्ट्रिक कार से कोई प्रदूषण नहीं होता। ये पर्यावरण के लिए हितकारी है। 

तीसरा, इनका मेंटेनेंस खर्च भी कम होता है क्योंकि इनमें कम मूविंग पार्ट्स होते हैं।

चौथा, इलेक्ट्रिक कार चलाने में बहुत ही आरामदायक अनुभव मिलता है। 

इसलिए अगर आप पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और खर्च बचाना चाहते हैं तो इलेक्ट्रिक कार आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है।

लेकिन इलेक्ट्रिक कारों की कुछ कमियाँ भी हैं:

चार्ज होने में थोड़ा समय लगता है। एक बार चार्ज करने में ज्यादा दूर नहीं जा सकतीं। मान लेते हैं कि ज्यादा दूर तक चले भी गए, अगर रास्ते में उसकी बैटरी खत्म हो गई तब क्या होगा? सोचो!

पेट्रोल या इलेक्ट्रिक कार: किसमें है बचत का राज?

Petrol Vs Electric Car

प्यारे दोस्तों, पेट्रोल कार और इलेक्ट्रिक कार में रनिंग कॉस्ट यानी चलाने का खर्च काफी अंतर है। पेट्रोल कार में प्रति किलोमीटर खर्च 7-8 रुपये आता है जबकि इलेक्ट्रिक कार में सिर्फ 1-1.5 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च होता है। 

यदि हर महीने एक कार को 1500 किलोमीटर चलाएं तो पेट्रोल कार पर 12000 रुपये खर्च होंगे जबकि इलेक्ट्रिक कार पर सिर्फ 2300 रुपये खर्च होंगे। इस तरह इलेक्ट्रिक कार से हर महीने 10000 रुपये तक बचाया जा सकता है। 

इलेक्ट्रिक कार चलाना पेट्रोल कार की तुलना में काफी सस्ता पड़ता है।

पर्यावरण पर कौन सी कार है ज़्यादा प्यारी?

पेट्रोल कारें धुआँ करती हैं, जिससे हवा खराब होती है। पेड़-पौधे भी बीमार पड़ जाते हैं। इलेक्ट्रिक कारें बिजली से चलती हैं, तो धुआँ नहीं करतीं। इससे हवा साफ रहती है और पेड़-पौधे भी खुश रहते हैं।

तो आपके लिए कौन सी कार है बेहतर?

अगर हर रोज़ स्कूल जाना है या छोटे सफर करने हैं, तो इलेक्ट्रिक कारें ज़्यादा फायदेमंद हैं। कम खर्च, साफ हवा और सरकार की मदद, सब अच्छा ही है ना? लेकिन अगर लंबी यात्राएँ करनी हैं, तो अभी इलेक्ट्रिक कारों को और विकसित होना है।

तो याद रखो:
* दोनों कारों के अपने फायदे और नुकसान हैं।
* इलेक्ट्रिक कारें पर्यावरण के लिए ज़्यादा अच्छी हैं।
* भविष्य में इलेक्ट्रिक कारें और भी बेहतर होंगी।
* जब बड़े हो जाओगे, तब फैसला करना कि कौन सी कार लेनी है!



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